कोविड के बहाने मौज-मस्ती में डूबा सिर्फ दरबार देखिए,मरघट सी खामोशी हर घर -बार देखिए।जिन हाथों में होनी थी कागज-कलम,अपनों के खून से सनी तरबार देखिए। खाक हुए ख्वाब, मन बँधे जंजीर में,दुनियाए उल्फत में खौफ जड़ा हीर में।रोने का गमी मंजर है हर तरफ यारोआका के झूठे वादे को हर बार देखिए। रोनी …